शामें हैं टटोली रातें हैं तलाशी
कुछ गुम गया है
यहीं तो था पास में
अभी कुछ देर पहले की ही बात है
हमेशा अपने साथ ही रखता था
कि कहीं खो ना जाए
मेरा है.. मुझसे छिन ना जाए
आसुओं से धोकर रखा था
एक दम साफ़ पाक़
दुआओं में लपेट कर
नर्म यादों के बीच
बड़े ही जतन से सहेजकर
लहू का कतरा है
आँखों के पीछे छुपाकर रखा था
यहीं तो था पास में, मुझमें
कहाँ गया
गुम गया है शायद
बहुत कुछ गुम गया है..
2 comments:
touching lines bro! sacchai kehti hain :)
:)
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